Retired Justice Ranjana Prakash Desai is the chairperson of the 8th Pay Commission. | रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई 8वें वेतन आयोग की अध्यक्ष: सुप्रीम कोर्ट की 5वीं महिला जज बनीं, परिसीमन आयोग की चेयरपर्सन रहीं, जानें कंप्लीट प्रोफाइल

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59 मिनट पहलेलेखक: विनीत शुक्ला

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केंद्र सरकार ने मंगलवार, 28 अक्टूबर को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन से जुड़े टर्म ऑफ रेफरेंस यानी ToR को मंजूरी दे दी है। साथ ही, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। जस्टिस देसाई के अलावा, इस आयोग में IIM बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष को मेंबर और पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस के मौजूदा सेक्रेटरी पंकज जैन को मेंबर-सेक्रेटरी बनाया गया है।

जस्टिस रंजना भारत की जानी-मानी महिला न्यायाधीशों में से एक हैं। वो सुप्रीम कोर्ट की 5वीं महिला जस्टिस रह चुकी हैं। अभी वो प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया यानी PCI की चेयरपर्सन हैं।

पिता क्रिमिनल लॉयर थे

न्यायमूर्ति रंजना एक वेल एजुकेटेड और लॉ-लविंग फैमिली से आती हैं। उनके पिता दिवंगत एसजी सामंत एक मशहूर क्रिमिनल लॉयर थे। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने वकालत शुरू की। 1973 में उन्होंने वकालत शुरू की। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने दिवंगत न्यायमूर्ति एससी प्रताप (जज बनने से पहले) के जूनियर के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने अपने पिता के साथ भी कई आपराधिक मामलों में वकालत की।

बॉम्बे हाईकोर्ट की चीफ गवर्नमेंट प्लीडर रहीं

1979 में बॉम्बे हाईकोर्ट (अपील शाखा) में सरकारी वकील बनीं। फिर 1986 में बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रिवेंटिव डिटेंशन मामलों की विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) नियुक्त हुईं। इसके बाद 1995 में बॉम्बे हाईकोर्ट की अपीलीय शाखा की चीफ गवर्नमेंट प्लीडर बनीं।

सुप्रीम कोर्ट की 5वीं महिला जज रहीं

1996 में बॉम्बे हाईकोर्ट की एडिशनल जज और 1998 परमानेंट जज बनीं। फिर आखिरकार उन्हें साल 2011 में प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। वो सर्वोच्च न्यायालय की 5वीं महिला जज बनीं। साल 2014 में वो सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुईं।

जस्टिस रंजना ने रिटायर होने के बाद भी काम करना जारी रखा। मात्र 1 महीने बाद ही उन्हें बिजली से संबंधित अपीलों के मामलों को सुनने वाला न्यायिक निकाय अपेलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी का चेयरपर्सन बनाया गया। वो तकरीबन 3 सालों तक इसमें कार्यरत रहीं। फिर वो एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (इनकम टैक्स) की चेयरपर्सन भी रहीं।

जस्टिस रंजना देसाई लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिए बनी सर्च कमेटी की चेयरपर्सन भी रहीं।

जस्टिस रंजना देसाई लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिए बनी सर्च कमेटी की चेयरपर्सन भी रहीं।

परिसीमन आयोग की चेयरपर्सन रहीं

जस्टिस रंजना 6 मार्च, 2020 से 5 मई, 2022 तक भारत की परिसीमन आयोग की चेयरपर्सन रहीं। उन्हीं के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का अंतिम परिसीमन रिपोर्ट (Delimitation Report) तैयार हुई जिसमें 7 नई विधानसभा सीटों की सिफारिश की गई। इनमें से 6 सीटें जम्मू क्षेत्र के लिए और 1 सीट कश्मीर क्षेत्र के लिए तय की गई थी।

इस सिफारिश के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई। आयोग के इस निर्णय से केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों का रास्ता साफ हुआ।

जस्टिस देसाई की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा दी गई रिपोर्ट के एक साल बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया।

जस्टिस देसाई की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा दी गई रिपोर्ट के एक साल बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया।

जस्टिस रंजना को 17 जून, 2022 को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वे इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं।

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