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35 मिनट पहले
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‘दिल्ली ब्लास्ट के बाद से कश्मीरी छात्रों को देशभर में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। जहां कुछ स्टूडेंट्स को स्थानीय दुकानों ने राशन देने से मना कर दिया, वहीं कुछ को बेवजह सस्पेंड भी किया जा रहा है।’
जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन यानी JKSA ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ये बात कही।
एक छात्र ने कहा कि दिल्ली धमाके के बाद क्लासमेट्स उसके परिवारों पर ‘आतंकी संबंध’ होने के आरोप लगाने तक लगाने लगे। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के नॉर्थ कैंपस के एक कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट ने बताया कि 10 नवंबर की घटना के बाद जब वह क्लास गया, तो किसी ने चिल्लाकर कहा- ‘अपने घरवालों से कहो कि आतंकवाद फैलाना बंद करें।’

जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने नई दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेस की।
मूल रूप से श्रीनगर के रहने वाले स्टूडेंट ने कहा, ‘मैं इस घटना की निंदा करता हूं, लेकिन इसकी सजा मुझे क्यों मिले? मैं अपना घर छोड़कर यहां पढ़ने आया हूं।’
19 वर्षीय छात्र ने बताया कि यह पहली बार नहीं है। पिछले साल पहलगाम की घटना के बाद भी उसे ऐसे ही ताने सुनने पड़े थे। वो कुछ दिनों से कमरे से बाहर भी मुश्किल से निकल पाया है, और जब भी बाहर जाता है तो उसे खतरा महसूस होता है।
उसने कहा, ‘जब मैं इस हफ्ते खाना लेने गया, तो किसी ने पूछा मैं कहां से हूं। मैंने कहा पंजाब। अपनी पहचान मुझे बिना गलती छुपानी पड़ रही है।’
दुकानदार ने दूध देने से मना कर दिया- DU स्टूडेंट
अनंतनाग की रहने वाली 20 वर्षीय DU स्टूडेंट ने कहा कि परिवार उन्हें चुप रहने, भीड़ से दूर रहने और हिजाब न पहनने की सलाह देता है। उन्होंने बताया, ‘धमाके के अगले दिन मैं नॉर्थ कैंपस में दूध लेने गई। दुकानदार टीवी पर धमाके की खबर देख रहा था। उसने मुझे देखकर कहा कि वह मुसलमानों को सामान नहीं बेचता।’
‘मुझे एहसास हुआ है कि लोग हमें एक खास नजर से देखते हैं। कॉलेज में मेरे बैचमेट पूछते हैं कि क्या मैं अपने बैग में पत्थर या AK-47 लेकर घूमती हूं।’
DU की एक और कश्मीरी छात्रा ने बताया, ‘हम हॉस्टल में बैठे परीक्षा के बाद घर जाने की बात कर रहे थे। तभी मेरी एक जूनियर बोली— घर चली जाओ नहीं तो तुम हम सबको उड़ा दोगी।’ मैं हिजाब पहनती हूं जिसकी वजह से कैंपस के बाहर नजरें और टिप्पणियां झेलनी पड़ती हैं। मेट्रो में लोग लगातार घूरते रहते हैं। इसके बावजूद मैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट पसंद करती हूं, ये पैदल चलने से सुरक्षित लगता है।’

JKSA के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी (दांए) ने पीएम मोदी से मदद की अपील की है।
12 नवंबर से DU में सुरक्षा बढ़ी
12 नवंबर को प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक के बाद DU ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। कॉलेजों और हॉस्टलों में कड़ी जांच और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। हालांकि, यूनिवर्सिटी ने जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा का जिक्र नहीं किया है।
JKSA ने ये भी आरोप लगाया कि दिल्ली धमाके के बाद कई उत्तरी राज्यों में कश्मीरी छात्रों को ‘निकाले जाने और डराने-धमकाने’ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप कर समुदाय को ‘बदनाम करने की प्रक्रिया’ को रोकने की अपील की।
JKSA के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने कहा, ‘कश्मीरी छात्र भारत के लोकतंत्र और मुख्यधारा पर विश्वास रखते हैं, आतंकवाद पर नहीं। लेकिन कई राज्यों में उन्हें स्थानीय लोगों और अधिकारियों द्वारा प्रोफाइल किया जा रहा है और बदनाम किया जा रहा है।’
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