1 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

मेक्सिको की फातिमा बोश ने मिस यूनिवर्स 2025 का खिताब हासिल किया है। उन्हें मिस यूनिवर्स 2024 विक्टोरिया थेलविग ने क्राउन पहनाया। कॉन्टेस्ट में भारत की मनिका विश्वकर्मा टॉप 30 तक ही पहुंच पाईं।
4 नवंबर को वॉक आउट कर दिया था
थाइलैंड में आयोजित मिस यूनिवर्स 2025 में 4 नवंबर को कई कंटेस्टेंट्स इवेंट छोड़कर चली गई थीं। दरअसल मिस यूनिवर्स थाइलैंड डायरेक्टर नवात इत्साराग्रिसिल ने फातिमा बोश को डम्बहेड यानि बेवकूफ कह दिया। जिसके बाद फातिमा सहित कई कंटेस्टेंट्स इवेंट छोड़कर चली गईं।
डायरेक्टर नवात का कहना था कि फातिमा ने सोशल मीडिया पर जरूरी प्रमोशनल पोस्ट नहीं डाले। विवाद बढ़ने पर नवात ने माफी मांग ली है। वहीं मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि नवात के खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा। इस विवाद के बाद से मिस मेक्सिको फातिमा बोश सोशल मीडिया पर वायरल हैं।

डिस्लेक्सिया की वजह से स्कूल में बुलिंग हुई
एक इंटरव्यू में फातिमा बोश फर्नांडीज ने बताया कि उनका बचपन बहुत मुश्किल में गुजरा। वह बचपन में डिस्लेक्सिया और ADHD से जूझ रही थीं, जिसकी वजह से उन्हें पढ़ने-लिखने में परेशानी होती थी। उन्हें पढ़ाई के लिए स्पेशल अटेंशन की जरूरत थी, लेकिन उन्हें स्कूल में बुलिंग का सामना करना पड़ा। हालांकि, वे कहती हैं कि बाद में इसे ही उन्होंने अपनी ताकत बनाया।
मिस मेक्सिको बनी तो ऑडियंस ने किया विरोध
ये पहली बार नहीं है जब फातिमा बोश का नाम विवादों से जुड़ा हो। सितंबर 2025 में जब उन्होंने मिस यूनिवर्स मेक्सिको का खिताब जीता था, तब उन्होंने प्रतियोगिता के एनवायर्नमेंट पर सवाल उठाए थे। फातिमा ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वे मिस मेक्सिको का खिताब जीतीं, तब उन्हें स्टेज पर बधाई देने सिर्फ चार साथी कंटेस्टेंट आए थे। जबकि बाकी सभी रनर-अप को बधाई दे रहे थे।
दरअसल, दूसरे कंटेस्टेंट्स उम्मीद कर रहे थे कि याओना गुटरेज या मिस जैलिस्को में से कोई टाइटल जीतेगा। लेकिन जैसे ही फातिमा के नाम का अनाउंसमेंट हुआ, लाइव ऑडियंस ‘बू’ करने लगी।

उस समय फातिमा ने वादा किया था, ‘मैं मेक्सिको को रिप्रेजेंट करने के लिए पूरी मेहनत करूंगी, जैसा हमारा मेक्सिको डिजर्व करता है।’
वहीं, बाकी कंटेस्टेंट्स ‘जेसिका विन’ के नारे लगाने लगीं। हालांकि उस दौरान फातिमा चुप रही, लेकिन बाद में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि, ‘सही सिस्टरहुड सिर्फ बातें करना नहीं होता, बल्कि इसे निभाया जाता है। लेकिन दुख की बात है कि इस बार यहां ऐसा नहीं दिखा। सिर्फ 4 कंटेस्टेंट्स ने मुझे दिल से गले लगाया, सही मायने में वे सभी क्वीन हैं।’
———————–
ये खबरें भी पढ़ें…
पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने रचा इतिहास: सक्षम टीम में जगह बनाने वाली पहली दिव्यांग, अर्जुन पुरस्कार से हो चुकी हैं सम्मानित; जानें प्रोफाइल

पैरा तीरंदाज शीतल देवी गुरुवार, 6 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दा में होने वाले एशिया कप स्टेज 3 के लिए भारत की सक्षम जूनियर टीम में जगह बनाकर इतिहास रच दिया। वो किसी सक्षम राष्ट्रीय टीम के लिए सिलेक्ट होने वाली पहली भारतीय पैरा एथलीट बन गई हैं। पूरी खबर पढ़ें…