Arjuna Awardee Anu Rani Meerut Become Daughter-in-Law Haryana | जेवलिन में पहली इंटरनेशनल मेडलिस्ट अनु बनेंगी हरियाणवी बहू: रोहतक के किक बॉक्सर साहिल से 18 को शादी; गन्ने से अभ्यास कर ओलिंपिक तक पहुंचीं – Panchkula News

जैवलिन थ्रोअर अन्नू रानी और साहिल की 18 नवंबर को शादी होगी।

उत्तरप्रदेश के मेरठ की इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अनु रानी हरियाणवी बहू बनेंगी। 18 नवंबर को रोहतक के साहिल के साथ परिणय सूत्र में बंधेंगी। शादी समारोह में मेहमानों की संख्या सीमित रहेगी। जबकि 19 नवंबर को रोहतक के बैंक्वेट हॉल में रिसेप्शन पार्टी होगी। ज

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दोनों की स्पोर्ट्स बैकग्राउंड होने की वजह से वर व वधू दोनों पक्षों की मेहमान लिस्ट में खिलाड़ी शामिल हैं। इनमें रेस वॉक एथलीट ओलिंपियन प्रियंका गोस्वामी व संदीप पूनिया शामिल हैं। स्पोर्ट्स मोटिवेटर राजनारायण पंघाल ने बताया कि उन्हें दोनों परिवारों से निमंत्रण मिला है।

साहिल मूल रूप से रोहतक के सांपला गांव से हैं तथा वर्तमान में रोहतक शहर की जनता कॉलोनी में रहते हैं। साहिल खुद किक बॉक्सर हैं और 4 बार के नेशनल चैंपियन हैं। साहिल ने जुलाई 2025 में छत्तीसगढ़ में नेशनल चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। अनु रानी का खेल में सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा। शुरू में वह चोरी-छिपे खेतों में गन्ने से जेवलिन थ्रो की प्रैक्टिस करती थीं।

अपने माता-पिता के साथ साहिल। - फाइल फोटो

अपने माता-पिता के साथ साहिल। – फाइल फोटो

साहिल के परिवार का अमेरिका में बिजनेस साहिल के परिवार का अमेरिका में बिजनेस हैं। जहां उनके वेयर हाउस व गैस स्टेशन हैं, जो फिलहाल उनके भाई संभाल रहे हैं। साहिल के पिता रवि केंद्र सरकार के EPFO विभाग के कर्मचारी हैं, वहीं उनकी मां मुकेश देवी हाउस वाइफ हैं।

अन्नू रानी ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। - फाइल फोटो

अन्नू रानी ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। – फाइल फोटो

अब जानिए…अनु की गन्ना फेंकने से लेकर ओलिंपिक तक की कहानी

  • गन्ने का भाला बनाकर फेंकना शुरू किया: मेरठ के बहादुरपुर निवासी अन्नू रानी का जन्म 28 अगस्त 1992 को किसान परिवार में हुआ। शुरू में खेत में ही गन्ने का भाला बनाकर फेंकना शुरू किया। उनके भाई उपेंद्र ने उनकी ताकत को पहचाना और इस खेल में जाने के लिए प्रेरित किया। गांव के माहौल के कारण उनका खेल में जाना कुछ लोगों को खटकता भी था। उनके पिता अमरपाल सिंह ने उन्हें खेलने की इजाजत नहीं थी। चोरी छिपे प्रयास किया और बाद में अपने पिता को भी मनाया।
  • शुरुआत में ही तोड़ा राष्ट्रीय रिकॉर्ड: 2014 में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर अन्नू रानी ने भाला फेंक में अपने शानदार करियर की शुरुआत की। वह 2019 में पहली बार विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिला भाला फेंक के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला थी। अन्नू रानी ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कांस्य पदक जीता और इस स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भाला फेंक खिलाड़ी बनीं।
  • अन्नू रानी के लिए असाधारण रहा साल 2023: 2023 में, अन्नू रानी ने हांगझोऊ में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और अपने करियर के शिखर पर पहुंच गईं। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ियों में से एक के रूप में स्थापित कर दिया। अन्नू रानी 2024 के पेरिस ओलिंपिक के लिए योग्यता के आधार पर क्वालीफाई नहीं कर पाईं, लेकिन रैंकिंग कोटा के माध्यम से उन्हें वहां स्थान मिला।

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