20 year old engineering student commits suicide wanted to do filmmaking | फिल्‍ममेकिंग करना चाहता था इंजीनियरिंग स्‍टूडेंट सृजन: आंध्र प्रदेश में 20 साल के छात्र ने हॉस्‍टल में फांसी लगाई, डिप्रेशन से जूझ रहा था

  • Hindi News
  • Career
  • 20 Year Old Engineering Student Commits Suicide Wanted To Do Filmmaking

2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के लोकल कॉलेज में पढ़ने वाले 20 साल के इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने बुधवार को सुसाइड कर लिया। पुलिस के मुताबिक घटना श्रीकाकुलम जिले के एटचेरला की है।

श्रीकाकुलम के SP केवी महेश्वर रेड्डी ने कहा कि पी.सृजन नाम के स्टूडेंट ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली। वो थर्ड ईयर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था।

फिल्में बनाना चाहता था सृजन

शुरुआती जांच में पता चला है कि सृजन को फिल्ममेकिंग में दिलचस्पी थी। लंबे समय से वो डिप्रेशन में था जिसकी वजह से उसकी दवाइयां भी चल रही थीं। पुलिस ने फिलहाल BNS की धारा 194 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

इससे कुछ ही दिन पहले पहले जयपुर के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा ने स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

8 साल में IIT-NIT के 98 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया

2018 से 2025 तक देश के बड़े एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में करीब 98 छात्रों ने आत्महत्या की। इनमें से 39 IITs, 25 NITs, 25 सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 4 IIMs से थे। बढ़ते स्‍टूडेंट्स सुसाइड पर स्‍वयं संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया था जिसे इस समस्‍या का कारण पता करने के लिए सर्वे करने की ज‍िम्‍मेदारी दी गई थी।

कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि अधिकांश शैक्षणिक संस्थान इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। कमेटी द्वारा किए जा रहे सर्वे में देश के 57,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थान सहयोग नहीं कर रहे जिनमें ज्यादातर IIT, IIM, AIIMS और NIT शामिल हैं।

3,500 ने जवाब दिया, 57,000 ने जवाब नहीं भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने संस्थानों के इस रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। सीनियर एडवोकेट अपर्णा भट्ट ने जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच को बताया कि सर्वे के लिए चार बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद 17 IIT, 15 IIM, 16 AIIMS और 24 NIT ने कोई जवाब नहीं दिया है। अब तक केवल करीब 3,500 संस्थानों ने सर्वे का जवाब दिया है।

बेंच ने कहा, ‘ये पूरा प्रयास छात्रों के हित में किया जा रहा है। सभी संस्थानों से अपेक्षा है कि वे इस काम में पूरा सहयोग और सहायता दें, ताकि नेशनल टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके।’ कोर्ट ने रिटायर्ड जज रविंद्र भट की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें मनोचिकित्सक, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्‍ट, और शिक्षा नीति के विशेषज्ञ शामिल हैं। टास्क फोर्स का उद्देश्य है कैंपस में छात्रों के आत्महत्या के कारणों की पहचान करना और उन्‍हें रोकने के तरीके सुझाना।

मार्च में कोर्ट ने टास्क फोर्स बनाने का आदेश दिया था

सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मार्च में छात्रों की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं और आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए ‘नेशनल टास्क फोर्स’ (NTF) बनाने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने कहा था कि यूनिवर्सिटीज न केवल लर्निंग सेंटर बनें, बल्कि छात्रों के कल्याण और विकास के लिए जिम्मेदार संस्थान की भूमिका भी निभाएं।

13,000 से ज्यादा छात्रों ने आत्महत्या की – NCRB रिपोर्ट

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, 13,000 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की, जो पिछले दशक की तुलना में लगभग दोगुना है। 2022 के आंकड़ों में आत्महत्याओं में 7.6% हिस्सेदारी छात्रों की थी, जिनमें से 1.2% मामलों की वजह करियर या प्रोफेशनल समस्याएं और 1.2% परीक्षा में असफलता रही।

——————–

ऐसी ही और खबरें पढ़ें…

दलदल से गुजरकर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे:आंध्र प्रदेश के ट्राइबल गांवों के बच्चों को ऐसे जाना पड़ता है स्कूल, वीडियो वायरल

आंध्र प्रदेश के विजियानगरम जिले से एक चौकाने वाला वीडियो सामने आया है। जिले में चिन्नागुडेम और इरोडलापलेम ट्राइबल गांव हैं। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Comment