Vinesh Phogat’s U turn, decision of retirement withdrawn | विनेश ने संन्यास वापस लिया, 2028-ओलिंपिक खेलने की इच्छा जताई: पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन बढ़ने से डिसक्वालिफाई हुईं, फिर रेसलिंग छोड़ी – Panchkula News

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में फाइनल में पहुंचने का इतिहास रचा था। बाद में वजन बढ़ने के चलते डिसक्वालिफाई हो गईं।

पूर्व भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने कुश्ती के मैट पर फिर से वापसी करने का फैसला किया है। वह 2028 में लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में उतरना चाहती हैं। विनेश ने अपने सोशल मीडिया पर इसका जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘लोग पूछते रहे कि क्या पेरिस अंत था।

.

विनेश ने कहा कि बहुत समय तक, मेरे पास इसका जवाब नहीं था। मुझे मैट से, प्रेशर से, उम्मीदों से, यहां तक कि अपने सपनों से भी दूर जाने की जरूरत थी। सालों में पहली बार, मैंने खुद को सांस लेने दिया।

मैंने अपने सफर के बोझ को समझने के लिए समय लिया- उतार-चढ़ाव, दिल टूटना, त्याग, मेरे वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा। और कहीं उस सोच में, मुझे सच मिला, मुझे अब भी यह खेल पसंद है। मैं अब भी मुकाबला करना चाहता हूं।’

विनेश फोगाट की यह तस्वीर उस वक्त की है, जब 2024 में ओलिंपिक से बाहर हो गई थी। इसके बाद वे बेहद निराश हो गई थीं।

विनेश फोगाट की यह तस्वीर उस वक्त की है, जब 2024 में ओलिंपिक से बाहर हो गई थी। इसके बाद वे बेहद निराश हो गई थीं।

विनेश ने अपनी पोस्ट में ये कहा…

मैं अब भी मुकाबला करना चाहती हूं : विनेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘लोग पूछते रहे कि क्या पेरिस अंत था। बहुत समय तक, मेरे पास इसका जवाब नहीं था। मुझे मैट से, प्रेशर से, उम्मीदों से, यहां तक कि अपने सपनों से भी दूर जाने की जरूरत थी। सालों में पहली बार, मैंने खुद को सांस लेने दिया। मैंने अपने सफर के बोझ को समझने के लिए समय लिया- उतार-चढ़ाव, दिल टूटना, त्याग, मेरे वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा। और कहीं उस सोच में, मुझे सच मिला, मुझे अब भी यह खेल पसंद है। मैं अब भी मुकाबला करना चाहती हूं।’

इस बार मैं अकेली नहीं चल रही हूं : उन्होंने आगे लिखा- उस खामोशी में मुझे कुछ ऐसा मिला जिसे मैं भूल गई थी ‘आग कभी खत्म नहीं होती’। यह सिर्फ थकान और शोर के नीचे दब गया था। डिसिप्लिन, रूटीन, लड़ाई… यह सब मेरे सिस्टम में है। मैं कितना भी दूर चली जाऊं, मेरा एक हिस्सा मैट पर बना रहा। तो मैं यहां हूं, LA28 की ओर एक ऐसे दिल के साथ वापस कदम बढ़ा रही हूं जो निडर है और एक ऐसी भावना जो झुकने से मना करती है। और इस बार मैं अकेली नहीं चल रही हूं, मेरा बेटा मेरी टीम, मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा, LA ओलिंपिक के इस रास्ते पर मेरे छोटे चीयरलीडर के साथ शामिल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर विनेश ने ये पोस्ट डाली…

पेरिस ओलिंपिक के विवाद के बाद लिया था संन्यास

2024 पेरिस ओलिंपिक में कुश्ती में विनेश फोगाट इतिहास रचने के बेहद करीब थीं। वह ओलिंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं और जिस फॉर्म में वह थीं, ऐसा लग रहा था कि वह स्वर्ण भी जीत जाएंगी, लेकिन फाइनल से कुछ घंटे पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया, जिसके चलते उन्हें मुकाबले से बाहर कर दिया गया।

डिसक्वालिफाई होने के 17 घंटे बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था। उन्होंने अल सुबह 5.17 बजे X पर एक पोस्ट में लिखा था- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।” विनेश के डिसक्वालिफाई होने की खबर 7 अगस्त 2024 को दोपहर करीब 12 बजे आई थी।

ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर थीं विनेश विनेश 3 मुकाबले जीतकर 50 kg रेसलिंग ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी।

विनेश की जगह उनसे हार चुकी क्यूबा की रेसलर ने फाइनल खेला था विनेश को 7 अगस्त की रात करीब 10 बजे गोल्ड मेडल के लिए अमेरिकी रेसलर सारा एन हिल्डरब्रांट से मुकाबला करना था, लेकिन ओलिंपिक नियमों के मुताबिक, विनेश की जगह सेमीफाइनल में उनसे हार चुकीं क्यूबा की गुजमान लोपेजी ने फाइनल खेला था। हालांकि, यह फाइट, अमेरिका की सारा ने जीती थी।

टोक्यो ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में हारीं, रियो में चोट की वजह से बाहर हुईं 2024 का पेरिस ओलिंपिक विनेश फोगाट का यह तीसरा ओलिंपिक था। 2016 के रियो ओलिंपिक में वे चोट की वजह से बाहर हो गई थीं। इसके बाद 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में वे क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं। पेरिस ओलिंपिक में विनेश अपना कोई मुकाबला नहीं हारी थीं। मंगलवार को फाइनल में पहुंचने के बाद उनका एक मेडल पक्का माना जा रहा था।

Source link

Leave a Comment