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Rohtak Kickboxer Sahil Annu Rani Meerut wedding ceremony olympics Haryana | हरियाणवी बहू बनीं जेवलिन थ्रोअर अनु रानी: रोहतक के किक बॉक्सर साहिल संग मेरठ में सात फेरे लिए; आज रात होगी रिसेप्शन पार्टी – Rohtak News

मेरठ में स्टेज पर अनु रानी को वरमाला पहनाते साहिल।

हरियाणा में रोहतक के रहने वाले किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज की मेरठ की रहने वाली इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अनु रानी से शादी हुई। मेरठ के एक मैरिज पैलेस में दोनों ने सात फेरे लिए।

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साहिल कल यानी 18 नवंबर को रोहतक से बारात लेकर मेरठ गए थे। वह मर्सिडीज गाड़ी लेकर पहुंचे। वरमाला के दौरान साहिल ने 10-10 के नोटों की 2 गड्डियां अनु के ऊपर से फेरकर उड़ाईं। आज रोहतक में इनकी रिसेप्शन पार्टी रखी गई है।

साहिल मूल रूप से रोहतक के सांपला से हैं तथा वर्तमान में रोहतक शहर की जनता कॉलोनी में रहते हैं। साहिल खुद किक बॉक्सर हैं और 4 बार के नेशनल चैंपियन हैं। साहिल ने जुलाई 2025 में छत्तीसगढ़ में नेशनल चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

साहिल और अनु की शादी की तस्वीरें

साहिल ने अनु रानी का हाथ पकड़कर स्टेज पर चढ़ाया। इस दौरान अनु ने साहिल को फूलों का एक गुलदस्ता दिया।

वरमाला डालने के बाद साहिल ने नोटों की गडि्डयों को हवा में उड़ा दिया।

अनु रानी के साथ उनकी सहेलियों ने ग्रुप में फोटो खिंचवाई। साथ ही उन्हें शादी की बधाई दी।

दूल्हा बने साहिल अपने दोस्तों के साथ स्टेज पहुंचे।

मर्सिडीज कार से दूल्हा बने साहिल गेस्ट हाउस पहुंचे। उन्होंने पैर छूकर बड़ों आशिर्वाद लिया।

साहिल के परिवार का अमेरिका में बिजनेस साहिल के परिवार का अमेरिका में बिजनेस हैं। जहां उनके वेयर हाउस व गैस स्टेशन हैं, जो फिलहाल उनके भाई संभाल रहे हैं। साहिल के पिता रवि केंद्र सरकार के EPFO विभाग के कर्मचारी हैं, वहीं उनकी मां मुकेश देवी हाउस वाइफ हैं।

पिता रवि और मां मुकेश के साथ साहिल का फाइल फोटो।

अब जानिए…अनु की गन्ना फेंकने से लेकर ओलिंपिक तक की कहानी

  • गन्ने का भाला बनाकर फेंकना शुरू किया: मेरठ के बहादुरपुर निवासी अनु रानी का जन्म 28 अगस्त 1992 को किसान परिवार में हुआ। शुरू में खेत में ही गन्ने का भाला बनाकर फेंकना शुरू किया। उनके भाई उपेंद्र ने उनकी ताकत को पहचाना और इस खेल में जाने के लिए प्रेरित किया। गांव के माहौल के कारण उनका खेल में जाना कुछ लोगों को खटकता भी था। उनके पिता अमरपाल सिंह ने उन्हें खेलने की इजाजत नहीं थी। चोरी छिपे प्रयास किया और बाद में अपने पिता को भी मनाया।
  • शुरुआत में ही तोड़ा राष्ट्रीय रिकॉर्ड: 2014 में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर अनु रानी ने भाला फेंक में अपने शानदार करियर की शुरुआत की। वह 2019 में पहली बार विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिला भाला फेंक के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला थी। अनु रानी ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कांस्य पदक जीता और इस स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भाला फेंक खिलाड़ी बनीं।
  • अनु के लिए असाधारण रहा साल 2023: 2023 में, अनु रानी ने हांगझोऊ में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और अपने करियर के शिखर पर पहुंच गईं। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ियों में से एक के रूप में स्थापित कर दिया। अनु रानी 2024 के पेरिस ओलिंपिक के लिए योग्यता के आधार पर क्वालीफाई नहीं कर पाईं, लेकिन रैंकिंग कोटा के माध्यम से उन्हें वहां स्थान मिला।

साहिल और अनु के अचीवमेंट्स के बारे में जानिए…

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