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Rinku Singh said – Papa wanted me to work | रिंकू सिंह बोले-पापा को नहीं लगता था अच्छा क्रिकेट खेलूंगा: बिलासपुर में कहा- अब उन्हें खुशी होती है, 5 छक्के लाइफ चेंजिंग साबित हुए – Chhattisgarh News

भारतीय क्रिकेट रिंकू सिंह बिलासपुर में आयोजित ब्राह्मण प्रीमियर लीग में शामिल होने पहुंचे थे।

इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज और फिनिशर के रूप में पहचान बना चुके रिंकू सिंह का कहना है कि हर किसी के जीवन में सफलता के पीछे एक कड़े संघर्ष की कहानी छिपी रहती है, किसी भी फील्ड में बहुत स्ट्रगल करना पड़ता है।

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मेरी सफलता के पीछे भी संघर्ष रहा है। मेरे पापा चाहते थे कि मैं उनके साथ काम करूं, उन्हें नहीं लगता था कि मैं अच्छा क्रिकेट खेल पाऊंगा। लेकिन, मैं अपने पापा को बताना चाहता था कि अच्छा क्रिकेट खेल सकता हूं, अब उन्हें भी मेरी सफलता पर बेहद खुशी होती है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के जिला खेल परिसर में आयोजित ब्राह्मण प्रीमियर लीग में शामिल होने पहुंचे रिंकू सिंह ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने अपनी मंगेतर सांसद प्रिया सरोज को लेकर कहा कि उनका काम राजनीति करना है और मेरा काम क्रिकेट खेलना। लेकिन, राजनीति में जाने का मेरा कोई इरादा नहीं है। जानिए कैसे रिंकू सिंह ने संघर्ष को मात दी और क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई, पढ़िए उनका पूरा इंटरव्यू:-

दैनिक भास्कर की टीम ने रिंकू सिंह से बातचीत की।

सवाल: आपकी सफलता के पीछे एक संघर्ष है, उसकी कहानी बताइए। जवाब: स्ट्रगल तो हर किसी के लाइफ में रहती है। बेशक परिवार ने पूरा सपोर्ट किया, पर इसमें सबसे अहम योगदान मां का रहा। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पिता नहीं चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं। वह चाहते थे कि मैं उनके साथ काम करूं। लेकिन मां ने हर समय सपोर्ट बनाए रखा और मैंने भी मेहनत जारी रखा। इसी का नतीजा है कि ऊपर वाले ने मुझे सब कुछ दिया।

सवाल: क्रिकेट खेलने से रोकने वाले पिता अब क्या कहते हैं? जवाब: मेरे पापा को शुरू में भरोसा नहीं था कि मैं इतना बड़ा क्रिकेट खिलाड़ी बन पाऊंगा। इसलिए वे नहीं चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं। मैंने ठान लिया था कि मैं उन्हें गलत साबित कर दिखाऊंगा। लेकिन अब मेरी सफलता देखकर वे बेहद खुश हैं और मुझ पर गर्व महसूस करते हैं।

बिलासपुर के जिला खेल परिसर में आयोजित ब्राह्मण प्रीमियर लीग में शामिल होने पहुंचे थे रिंकू सिंह।

सवाल: क्रिकेट में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए क्या अकादमी जरूरी है, आप क्या सोचते हैं। जवाब- हर फील्ड में मेहनत जरूरी है और पॉजिटिव सोच जरूरी है। अकादमिक जॉइन करें या फिर मैदान में क्रिकेट खेले, मेहनत बहुत जरूरी है। अच्छा खेलने वाले की प्रतिभा खुद सामने आ जाती है। लेकिन इसके लिए लगातार मेहनत करना आवश्यक है।

सवाल: भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने के लिए आपने कभी सपना देखा था। जवाब: मैंने कभी नहीं सोचा था कि टीम इंडिया में जगह मिलेगी। मैंने एंजॉय करने के लिए क्रिकेट को चुना और उसमें हमेशा बेहतर करने की सोचता रहा। मैं अच्छा खेलता था तो मुझे लोगों का सपोर्ट मिला। क्रिकेट में स्टार बनने के लिए कभी नहीं सोचा था। अपनों की दुआएं और खुद की मेहनत ही आगे ले जाती है। अब तक जो भी हासिल कर सका वह मेहनत का ही नतीजा रहा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनूंगा।

बिलासपुर पहुंचने पर भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह का स्वागत किया गया।

सवाल: किसी प्लेयर के लिए ड्रेसिंग रूम में बैठने का अनुभव कैसा होता है? जवाब: हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह इंडियन टीम में खेले और बड़े खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करे। यह अनुभव बहुत खास होता है। ड्रेसिंग रूम में बैठना अपने आप में गर्व की बात होती है और साथ ही बहुत मजा भी आता है।

सवाल: क्या पांच गेंदों में पांच छक्के आपके करियर का चेंजिंग मूवमेंट था? जवाब: क्रिकेट में मैं लगातार मेहनत करता रहा और चीजें धीरे-धीरे बनती गईं। उस मैच के दौरान बल्ले से सही संपर्क नहीं बन रहा था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। ऊपर वाले की दुआ काम आई और जो मैंने सोचा भी नहीं था, वह मिल गया। पांच छक्के लग गए, जो सच में मेरे लिए लाइफ चेंजिंग साबित हुए।

बिलासपुर रिंकू सिंह के साथ बच्चों ने भी फोटो क्लिक करवाई।

सवाल: आपकी हाल ही में सांसद प्रिया सरोज से सगाई हुई है। राजनीति और खेल को कैसे बैलेंस करेंगे? जवाब: मेरा पूरा फोकस सिर्फ क्रिकेट पर है, जबकि राजनीति उनका फील्ड है। वे अपना काम करती हैं और मैं अपना काम करता हूं। शादी की तैयारियों के बारे में रिंकू सिंह ने बताया कि तैयारी चल रही है, लेकिन अभी शादी की तारीख तय नहीं हुई है। जब डेट फिक्स होगी, तो सबको पता चल जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है।

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