47 मिनट पहले
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वेनेजुएला की लीडर ऑफ अपोजीशन और नोबेल पीस प्राइज विनर मारिया कोरीना मचाडो बुधवार, 10 दिसंबर को तकरीबन 11 महीने बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आईं। वो नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में एक होटल की बालकनी से अपने समर्थकों को हाथ हिलाकर अभिवादन करती दिखीं।

होटल के बाहर मचाडो के समर्थक ‘फ्रीडम-फ्रीडम’ के नारे लगा रहे थे।
इससे पहले मचाडो की बेटी एना ने ओस्लो में ही आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में नोबेल शांति पुरस्कार रिसीव किया। मचाडो सुरक्षा जोखिमों और यात्रा प्रतिबंधों के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं। ऐसे में उनकी जगह उनकी बेटी एना कोरीना सोसा मचाडो ने अवॉर्ड रिसीव किया।
समारोह के दौरान मचाडो की कुर्सी को प्रतीकात्मक रूप से खाली रखा गया, जो वेनेजुएला की लोकतंत्र की लड़ाई में उनकी मजबूरी और प्रतिबद्धता दोनों को दर्शाती है।
एना ने समारोह में अपनी मां का लिखा हुआ भाषण भी पढ़ा। मचाडो ने अपने लिखित भाषण में कहा, लोकतंत्र और आजादी को बचाने के लिए संघर्ष जरूरी है। यह पुरस्कार वेनेजुएला ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।

1992 में एटेनिया फाउंडेशन की स्थापना
फाइनेंस में मास्टर डिग्री के बाद मचाडो ने वेलेंसिया में ऑटो इंडस्ट्री में काम किया। उनके पिता वेनेजुएला में स्टील कारोबार करने वाले बड़े बिजनेसमैन थे। उन्होंने 1992 में एटेनिया फाउंडेशन बनाया। यह संस्था कराकास शहर में बेघर और जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए काम करती है। इस फाउंडेशन के जरिए मचाडो ने सामाजिक सुधार की दिशा में अपनी पहचान बनाई।

Sumate ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की
साल 2001 में एक होटल की लॉबी में मारिया कोरीना मचाडो और इंजीनियर से नेता बने अलेजांद्रो प्लाज की अचानक मुलाकात हुई। दोनों अपने देश वेनेजुएला की बिगड़ती हालत को लेकर बहुत चिंतित थे। इसी सोच के साथ दोनों ने मिलकर सुमाते (Sumate) ऑर्गेनाइजेशन बनाया। ये स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए काम करता है। मारिया इस ऑर्गेनाइजेशन की को-फाउंडर बनीं।
2010 में नेशनल असेंबली की मेंबर बनी
साल 2004 में वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली और राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज को हटाने के लिए एक मुहिम शुरू की गई। ये कैंपेन Sumate संगठन के बैनर के तले शुरू हुआ। फिर उन्होंने रिकॉल रेफरेंडम यानी जनमत संग्रह कराया।
इसके लिए सरकार ने Sumate के कई सदस्यों जिनमें मारिया कोरीना मचाडो भी शामिल थीं पर देशद्रोह और साजिश का केस कर दिया।
2010 में वो वेनेजुएला की नेशनल असेंबली की मेंबर बनी। लेकिन 2014 में लोकतंत्र और स्वतंत्रता की आवाज उठाने के कारण सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया। इस कदम से मचाडो देश और दुनिया भर में लोकतंत्र की बड़ी आवाज बन गईं।

मारिया कोरिना विश्व आर्थिक मंच के ग्लोबल यंग लीडर्स प्रोग्राम (2005) के लिए सिलेक्ट होने वाली पहली वेनेजुएलावासी हैं।
राष्ट्रपति को चोर कहने के बाद सुर्खियों में आईं
मचाडो पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने वेनेजुएला के तत्कालीन राष्ट्रपति का भाषण बंद करा दिया था। यह घटना 14 जनवरी, 2012 की है। प्रेसिडेंट शावेज संसद में भाषण दे रहे थे। तभी मचाडो ने चिल्लाते हुए उन्हें चोर कहा और लोगों की जब्त की गई संपत्ति को लौटाने को कहा। यह घटना देशभर में चर्चा का विषय बन गई और मचाडो लीडर ऑफ अपोजीशन बन गईं।
2013 में वेंते वेनेजुएला पार्टी बनाई
मारिया ने साल 2013 में ‘वेंते वेनेजुएला’ (Vente Venezuela) नाम के एक उदारवादी पॉलिटिकल पार्टी बनाई और उसकी नेशनल कन्वीनर बनीं। अपने पूरे करियर में मचाडो ह्यूगो शावेज और निकोलस मादुरो दोनों की सरकारों की कड़ी आलोचक रहीं। उन्होंने हमेशा लोकतंत्र, मानवाधिकार और कानून के शासन की वकालत की।
वेनेजुएला सरकार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी निरस्त की
साल 2023 में मचाडो ने विपक्षी प्राइमरी जीतकर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए सर्वसम्मति उम्मीदवार बनीं। इसके तुरंत बाद वेनेजुएला सरकार ने उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य कर दिया। फिर एडमुंडो गोंजलेज को उनकी जगह कैंडिडेट बनाया गया।
विपक्ष ने वोटों के आंकड़े जारी किए और दावा किया कि गोंजलेज ने भारी जीत हासिल की, जबकि सरकारी नियंत्रण वाले नेशनल इलेक्टोरल काउंसिल ने बिना किसी सबूत के मादुरो की जीत का ऐलान कर दिया। इसके बाद से मचाडो मादुरो सरकार से अपनी जान और आजादी बताते हुए छिपने पर मजबूर हो गईं।
अक्टूबर 2025 में मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें ‘वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए उनके निरंतर प्रयासों और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण बदलाव की लड़ाई’ के लिए ये सम्मान मिला।
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