Justice Pratibha becomes Chairperson of WIPO Advisory Board of Judges | जस्टिस प्रतिभा WIPO एडवाइजरी बोर्ड ऑफ जजेज की चेयरपर्सन बनीं: कैम्ब्रिज से LLM किया, IPR पॉलिसी की थिंक टैंक टीम में रहीं, जानें कंप्‍लीट प्रोफाइल

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29 मिनट पहले

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जस्टिस प्रतिभा एम सिंह को वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन यानी WIPO के न्यायाधीशों के सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति 2025-2027 के कार्यकाल के लिए हुई है। जस्टिस प्रतिभा दिल्ली हाईकोर्ट की जज हैं।

WIPO एडवाइजरी बोर्ड ऑफ जजेज में अलग-अलग देशों के 10 जजों को शामिल किया गया है। इस एडवाइजरी बोर्ड का नेतृत्व जस्टिस प्रतिभा एम सिंह करेंगी।

जस्टिस प्रतिभा यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज, बेंगलुरु की टॉपर थीं। उन्होंने अमेरिका के शिकागो में हुए फिलिप सी. जेसप मूट कोर्ट कॉम्पिटिशन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

लॉ कंप्लीट करने के बाद ही उन्हें कैम्ब्रिज कॉमनवेल्थ ट्रस्ट की तरफ से ODASSS स्कॉलरशिप मिली। इसके चलते उन्‍हें यूनाइटेड किंगडम की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला। उन्होंने कैम्ब्रिज से LL.M. किया। फिर साल 1991 में उन्होंने दिल्ली बार काउंसिल में खुद को इनरोल कराया।

IP एडवोकेट के रूप में करियर की शुरुआत

इसके बाद, प्रतिभा ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) एडवोकेट के रूप में अपना करियर शुरू किया। इस दौरान उन्होंने पेटेंट, ट्रेडमार्क, डिजाइन, कॉपीराइट, इंटरनेट लॉ, और प्लांट वेराइटीज जैसे कई अहम मामलों को हैंडल किया। फिर वो सिंह एंड सिंह नाम की लॉ फर्म की मैनेजिंग पार्टनर भी रहीं। यहां उन्होंने कॉमर्शियल डिस्प्यूट, आर्बिट्रेशन, मीडिया, एजुकेशन और रेग्युलेटरी मामलों में काम किया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी बनाया

जस्टिस प्रतिभा ने सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट, TDSAT, IPAB और ट्रेडमार्क एवं पेटेंट ऑफिस में नियमित रूप से वकालत की। इसी दौर में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें कॉपीराइट ऑफिस के कामकाज को सुधारने के लिए एमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) यानी न्याय मित्र भी नियुक्त किया।

फिर उन्होंने भारत की पहली नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स यानी IPR पॉलिसी, 2015 (National IPR Policy, 2015) तैयार करने वाली IPR थिंक टैंक टीम में काम किया।

प्रतिभा पेटेंट परीक्षाओं को बेहतर करने वाली उच्च स्तरीय समिति की सदस्य रहीं। उन्हें पेटेंट (2002), कॉपीराइट (2012) और भौगोलिक संकेतक (GI) कानूनों में बदलाव पर संसदीय समितियों के सामने सुझाव देने के लिए इनवाइट किया गया। वो भारतीय उद्योग परिसंघ यानी CII की नेशनल स्टीयरिंग कमेटी ऑन IPRs की सदस्य भी रहीं।

2021 और 2022 में जस्टिस प्रतिभा को मैनेजिंग आईपी (Managing IP) ने लगातार दो सालों तक '50 Most Influential People in IP' की सूची में शामिल किया।

2021 और 2022 में जस्टिस प्रतिभा को मैनेजिंग आईपी (Managing IP) ने लगातार दो सालों तक ’50 Most Influential People in IP’ की सूची में शामिल किया।

साल 2022 में जस्टिस प्रतिभा को यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के ह्यूजेस हॉल की ऑनरेरी फेलो का सम्मान मिला। ये सम्मान पाने वाली वे पहली भारतीय जज हैं। अभी वो महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (MNLU), मुंबई के सेंटर फॉर रिसर्च इन IP की सलाहकार सदस्य भी हैं।

एडवाइजरी बोर्ड ऑफ जजेज में 10 न्यायाधीश

WIPO एडवाइजरी बोर्ड ऑफ जजेज में जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह समेत कुल 10 न्यायाधीश शामिल हैं। इनमें लुइस एंटोनियो कैमार्गो वर्गारा (पनामा), डू वेइक (चीन), झानार डुइसेनोवा (कजाकिस्तान), मोहम्मद एल्जेंड (मिस्र), जीन-क्रिस्टोफ गेएट (फ्रांस), माइकल मैनसन (कनाडा), मुस्तफर मोहम्मद सियानी (तंजानिया), सावास पापासव्वास (लक्जमबर्ग), वू सुंग्योप (कोरिया) जैसे अन्य प्रतिष्ठित न्यायाधीशों का नाम है।

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