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Jhajjar Pradeep Beniwal athlete Greece marathon | athletics felicitation ceremony | झज्जर के एथलीट बेनीवाल का आज सम्मान समारोह: ग्रीस में स्पार्टाथलॉन दौड़ में बनाया रिकॉर्ड; पिता आर्मी में रह चुके, मां टीचर – Jhajjar News

अपने कोच व साथियों के साथ प्रदीप कुमार बेनीवाल।

झज्जर जिले के गांव गोधड़ी के एथलीट प्रदीप बेनीवाल का आज गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। प्रदीप ने हाल ही में ग्रीस की राजधानी एथेंस में आयोजित दुनिया की सबसे कठिन मानी जाने वाली स्पार्टाथलॉन 2025 अल्ट्रा मैराथन को पूरा कर देश का

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प्रदीप ने इस अंतरराष्ट्रीय दौड़ में भारत का तिरंगा लहराते हुए नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया। इस प्रतियोगिता में दुनिया भर से 402 धावकों ने भाग लिया था, जिनमें प्रदीप ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 42वां स्थान हासिल किया। भारत से इस रेस में केवल पांच धावक ही शामिल हुए थे।

छोटे से गांव से निकलकर प्रदीप ने मैराथन और अल्ट्रा रनिंग की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप के पिता प्रकाश सिंह आर्मी में सेवाएं दे चुके हैं, जबकि उनकी मां एक टीचर हैं।

कोच के साथ बात करते हुए प्रदीप कुमार।

रनिंग करियर की शुरुआत

प्रदीप कुमार ने 2017 में रनिंग की दुनिया में कदम रखा था। महज 8 साल में उन्होंने 50 से अधिक प्रतिस्पर्धी दौड़ों में भाग लिया है और कई नए रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। कई बार उन्होंने अपने ही बनाए रिकॉर्ड को भी तोड़ा है। इसके अलावा प्रदीप बॉर्डर मैराथन समेत कई प्रतिष्ठित मैराथन में भाग ले चुके हैं और कई खिताब अपने नाम कर चुके हैं।

गुरुग्राम रनर्स क्लब में सदस्य

प्रदीप कुमार का मानना है कि निरंतर अभ्यास ही सफलता की कुंजी है। वे हर हफ्ते लगभग 140 किलोमीटर की दौड़ लगाकर खुद को तैयार करते हैं। यही नियमितता उन्हें लंबी रनों में मजबूती और स्टैमिना देती है।

पेशे से एडवोकेट प्रदीप ने कई बड़े संस्थानों में मैनेजर के पद पर भी काम किया है। साल 2020 से वे गुरुग्राम रोड रनर्स क्लब के सक्रिय सदस्य हैं और रनिंग कल्चर को बढ़ावा देने में योगदान दे रहे हैं।

246 किलोमीटर की होती है दौड़

स्पार्टाथलॉन विश्व की सबसे कठिन सहनशक्ति दौड़ों में से एक है। यह दौड़ एथेंस से स्पार्टा तक 246 किलोमीटर की होती है। इसमें धावकों की शारीरिक क्षमता, मानसिक शक्ति और अदम्य संकल्प की सच्ची परीक्षा होती है। इस साल करीब 400 धावक दुनिया भर से शामिल हुए थे, जिनमें से 5 प्रतिभागी भारत से थे।

प्रदीप कुमार ने इंडिया के रनर्स को पीछे छोड़ते हुए सबसे पहले दौड़ को पूरा किया और न केवल अपना रिकॉर्ड बनाया बल्कि दुनिया में भारतीय तिरंगे को लहराया है। प्रदीप कुमार ने 400 में से 42वां स्थान हासिल किया था।

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