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- IAS Officer Supriya Sahu Won UNEP’s 2025 Champions Of The Earth Award
17 मिनट पहले
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तमिलनाडु की IAS अधिकारी सुप्रिया साहू को UNEP यानी यूनाइटेड नेशन्स एनवायर्नमेंट प्रोग्राम की ओर से ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ अवॉर्ड मिला है। बुधवार, 10 दिसंबर को नैरोबी के एक कार्यक्रम में उन्हें ये अवॉर्ड दिया गया। यह UN का सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार माना जाता है। पर्यावरण सेक्टर में बेहतरीन काम करने वालों को यह सम्मान दिया जाता है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी सुप्रिया साहू को अवॉर्ड मिलने पर बधाई दी है।
अवॉर्ड मिलने पर सुप्रिया साहू ने कहा, “मुझे प्रेरणा उन लोगों से मिलती है जो स्थानीय गांव से मेरे साथ खड़े रहे और मैंग्रोव वनों को अपना मानकर मेरे साथ सफाई का काम किया।”

पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर किया
लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद सुप्रिया साहू ने 1989 में UPSC एग्जाम दिया और पहले ही अटेंप्ट में क्वालीफाई कर लिया। दो साल लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन यानी LBSNAA में ट्रेनिंग के बाद वे 1991 में तमिलनाडु कैडर से IAS ऑफिसर बनीं। करियर की शुरुआत में वे राज्य के नीलगिरि जिले की कलेक्टर रही।
42,182 पौधे लगाने पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम आया
नीलगिरि जिले की कलेक्टर रहते हुए सुप्रिया साहू ने ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ माउंटेंस 2002’ के तहत एक अभियान चलाया था जिसमें 300 से अधिक लोगों ने मिलकर 42,182 पौधे लगाए थे। यह 24 घण्टे में सबसे अधिक पेड़ लगाने का भारत का पहला रिकॉर्ड था जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया था।

नीलगिरि जिले की जिला कलेक्टर के रूप में, सुप्रिया साहू ने एक पौधरोपण अभियान का नेतृत्व किया, जिसके लिए उनकी टीम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
KBC का कश्मीरी संस्करण लॉन्च कराया
दूरदर्शन की DG रहते हुए सुप्रिया साहू ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का कश्मीरी संस्करण ‘कुस बानी कोशुर करोरपैत’ लॉन्च किया था। ये भारत में KBC का पहला लोकल लैंग्वेज का संस्करण था, जो सरकारी चैनल (दूरदर्शन) पर ब्रॉडकास्ट हुआ।

दूरदर्शन के 60 साल होने पर सुप्रिया ने टीम DD, PB की ओर से अमिताभ बच्चन को डाक टिकट भेंट किया था। (फाइल फोटो)
लॉन्चिंग के समय सुप्रिया ने कहा था, ‘यह सिर्फ एक गेम शो नहीं है, यह कश्मीरी भाषा और कश्मीर की असली प्रतिभा को देश के सामने लाने का मिशन है।’
200 से ज्यादा रेडियो स्टेशन्स की शुरुआत की
सुप्रिया साहू ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी रहते हुए देशभर में 200 से अधिक रेडियो स्टेशनों की शुरुआत की थी। आज देश में 300 से अधिक स्टेशन हैं।
एक इंटरव्यू में सुप्रिया ने कहा था, ‘भारत के विभिन्न हिस्सों में, अलग-अलग भाषाओं के अलावा, लोग अलग-अलग बोलियां भी बोलते हैं। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि हम जमीनी स्तर तक रेडियो जॉकी को ले जाने में कामयाब हुए।’
प्लास्टिक बैग खत्म करने के लिए कैंपेन चलाया
IAS सुप्रिया साहू को सस्टेनेबल कूलिंग, प्रकृति को बढ़ावा देने और लाखों लोगों को पर्यावरण से जोड़ने पर ये अवॉर्ड दिया गया। उन्होंने तमिलनाडु में प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल खत्म करने के लिए ‘मीडम मंजपाई’ नाम से एक कैंपेन चलाया था।

इस कैंपेन के तहत प्लास्टिक के बजाय पीले कपड़े के बैग का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को जागरूक किया गया था। साथ ही उन्होंने पर्यावरण के जरिए तकरीबन 2 हजार लोगों को रोजगार मुहैया कराया।
चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार के जरिए उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जो धरती और मानवता के लिए जरूरी योगदान देते हैं। ये इसका 20वां संस्करण था।
स्टोरी- देव कुमार
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