सीएम नायब सैनी महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा से फोन पर बात करते हुए।
हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने महिला क्रिकेट टीम की सदस्य रोहतक की शेफाली वर्मा से फोन पर बात की। सीएम ने महिला विश्व कप जीतने और फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच रहने पर बधाई दी। सीएम ने शेफाली वर्मा को सपरिवार संत कबीर कुटीर पर आने का न्योता दिया। सीएम ने फ
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इससे पहले महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता टीम में शामिल रहीं हरियाणा की क्रिकेटर शैफाली वर्मा को महिला आयोग ने साल 2026 के लिए अपना ब्रांड एंबेसडर बनाने की घोषणा की है। हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने शैफाली के पिता संजीव वर्मा को फोन पर भी बधाई भी दे चुकी हैं।
जानकारी के मुताबिक, अब महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा 12 नवंबर को चंडीगढ़ जाएंगी और परिवार सहित सीएम नायब सैनी से मुलाकात करेंगी।
मनु भाकर भी रह चुकीं 2024 में एंबेसडर
शूटर मनु भाकर को भी महिला आयोग साल 2024 में अपना ब्रांड एंबेसडर बना चुका है। महिला आयोग ने नशे के खिलाफ मुहिम में मनु भाकर व नीरजा चौपड़ा, दोनों खिलाड़ियों को अपना एंबेसडर बनाया था। नशे के खिलाफ अभियान में दोनों ने युवाओं के रोल मॉडल के तौर पर प्रेरित करने का काम किया था।
सीएम ने शेफाली को चंडीगढ़ में आने का न्योता दिया।
कौन हैं शेफाली वर्मा और वह कैसे क्रिकेटर बनीं
रोहतक की MDU से ग्रेजुएशन कर रहीं शेफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी 2004 को रोहतक में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत सेंट पॉल स्कूल से की, लेकिन वह 10वीं कक्षा में फेल हो गईं।
इसके बाद उन्होंने मनदीप सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला लिया और 10वीं कक्षा 52 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। 12वीं कक्षा में उन्होंने 80 प्रतिशत अंक हासिल किए। फिलहाल वह रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) से ग्रेजुएशन कर रही हैं।
सचिन तेंदुलकर को देखकर क्रिकेटर बनने की ठानी
शेफाली वर्मा 2013 में रोहतक के लाहली ग्राउंड पर रणजी ट्रॉफी का मैच देखने गई थीं। यहां सचिन तेंदुलकर बैटिंग करने आए। भीड़ ने जब सचिन-सचिन चिल्लाना शुरू किया तो शेफाली ने क्रिकेटर बनने की ठान ली। शेफाली के पिता संजीव को जब अपनी बेटी में भी क्रिकेट के प्रति लगाव दिखा तो उन्हें घर पर ही ट्रेनिंग देना शुरू कर दी।
एकेडमी में एडमिशन नहीं मिला
पिता ने शेफाली का क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन कराने की कोशिश की, लेकिन लड़की होने की वजह से उन्हें एडमिशन नहीं मिला। इसके बाद पिता ने शेफाली की बॉय कटिंग करा दी। बाद में शेफाली के स्कूल ने ही लड़कियों के लिए क्रिकेट टीम बनाने का निर्णय ले लिया। 12 साल की उम्र में शेफाली ने एकेडमी में प्रोफेशनली खेलना शुरू कर दिया।
15 साल की उम्र में इंटरनेशनल मैच में डेब्यू किया
15 साल की आयु में ही 2019 के टी-20 वर्ल्ड कप से पहले शेफाली वर्मा ने टीम इंडिया में जगह बनाई और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इंटरनेशनल मैच में डेब्यू किया। शेफाली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला शतक भी जड़ा। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बन गईं और उन्होंने सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
