3 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर
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हर्षित राणा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में 4 विकेट झटके।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में 4 विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हर्षित राणा के कोच श्रवण कुमार ने पूर्व भारतीय क्रिकेट कृष्णमाचारी श्रीकांत के बयान पर पलटवार किया है।
उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा- ‘जो लोग TV पर हर्षित की आलोचना कर रहे हैं, पहले उन्हें खुद अपने रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए। भारत के बाहर उन्होंने कितनी विकेट ली हैं? यही आंकड़े बताएं कि वे कितने अनुभव वाले हैं, उसके बाद किसी युवा खिलाड़ी की काबिलियत पर सवाल उठाएं।’
हर्षित के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुने जाने के बाद पूर्व सिलेक्टर कृष्णमाचारी श्रीकांत और आर अश्विन ने खुलकर आलोचना की थी। श्रीकांत ने कहा था- हर्षित को टीम में इसलिए शामिल किया गया, क्योंकि वे गौतम गंभीर के चापलूसी करते हैं।
हर्षित राणा के कोच ने कहा-
अच्छा खिलाड़ी मैदान में अपने प्रदर्शन से ही जवाब देता है। आज उसने वही किया। उसने यह साबित कि चयनकर्ताओं ने उस पर भरोसा उसके टैलेंट के आधार पर जताया है न कि टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर की चापलूसी की वजह से। श्रवण कुमार इंडियन क्रिकेटर ईशांत शर्मा के भी कोच रहे हैं।
उन्होंने कहा-
युवा खिलाड़ी कभी-कभी स्टेबलिश्ड नहीं होते और उन्हें शुरुआती मुकाबलों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। यंग प्लेयर की यही खासियत होती है कि वह सीखता है, गलती करता है और सुधारता है। जब बुमराह जैसे ट्राइड एंड टेस्टेड खिलाड़ी भी कुछ मैचों में संघर्ष कर सकते हैं, तो हर्षित से हर बार परफेक्ट परफॉर्मेंस की उम्मीद रखना ठीक नहीं है।
हर्षित को पता था कि उसके पास आखिरी मौका है श्रवण कुमार ने कहा कि हर्षित को पता था कि उसके पास आखिरी मौका है। अगर वह प्रदर्शन नहीं करता है तो उसे बाहर बैठा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर्षित से बातचीत हुई थी, उसने कहा था कि सर यह आखिरी मौका है। शायद उसे कोच और टीम मैनेजमेंट की ओर से ऐसा अल्टीमेटम दिया गया हो। मैंने उसे कहा था कि खुद पर भरोसा रखो और अपना बेस्ट दो। उसने वही किया और 4 विकेट लेकन सबको जवाब दे दिया।
जो प्लेयर आलोचना कर रहे है, वह भूल गए कि उन्हें कितने मौके मिले कोच ने आलोचकों पर पलटवार भी किया और कहा कि लोगों को लगता है कि अगर किसी सीनियर का शागिर्द है, तो हर्षित को मौका यूं ही मिल गया, लेकिन कोई नहीं देखता कि वो बच्चा रोज ग्राउंड में कितना पसीना बहा रहा है, कितनी बार नेट्स में गिरकर उठा है। उन्होंने कहा- जो प्लेयर आलोचना कर रहे है, वह भूल गए कि उन्हें कितने मौके मिले हैं।
आलोचना से डरता नहीं, उसी से मजबूत बनता है’ श्रवण ने कहा कि हर्षित आलोचना से भागता नहीं, बल्कि उसे ईंधन की तरह इस्तेमाल करता है। आलोचना हर खिलाड़ी को मिलती है, लेकिन फर्क इस बात से पड़ता है कि आप उसे कैसे लेते हैं। हर्षित उसे मोटिवेशन की तरह लेता है। जब लोग सवाल उठाते हैं, तो वो और ज्यादा फोकस हो जाता है।
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