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Harmanpreet Kaur Leads India to 2025 Women’s World Cup Glory | क्रिकेट फैंस ने हरमन को बताया लेडी कपिल देव: लास्ट कैच की 1983 के आइकॉनिक कैच से तुलना, वर्ल्डकप जीतने पर मोगा में जश्न – Jalandhar News

मोगा के लोगों ने कपिल देव के साथ की हरमनप्रीत की तुलना की। उन्होंने हरमनप्रीत को लेडी कपिल देव बताया।- फाइल फोटो

पंजाब के मोगा की बेटी हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने इतिहास रच दिया। टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर विमेंस वर्ल्ड कप जीत लिया। जैसे ही भारत ने जीत हासिल की, मोगा में जश्न का माहौल बन गया। लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ खुशी मनाई। पटा

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लोगों ने हरमनप्रीत कौर को लेडी कपिल देव बताया। उन्होंने मैच के आखिरी कैच की तुलना 1983 के आइकॉनिक कैच से की।

क्रिकेट में उनका सफर एक थ्रो से शुरू हुआ था। मोगा के गुरुनानक स्टेडियम में लड़कों का मैच चल रहा था, तभी हरमनप्रीत पिता के साथ वहां से गुजर रही थी। एक बॉल जब बाहर गिरी तो उन्होंने उसे इतनी तेजी से फेंका। इस पर कोच कमलदीश पाल सिंह सौंधी की नजर उन पर पड़ गई।

उन्होंने हरमनप्रीत के पिता हरमिंदर सिंह से कहा कि इस लड़की को क्रिकेट में लाओ। सौंधी ने कहा- साड़ी जिंदगी, साड़ी मेहनत सफल हो गईं। यह मेरा सपना था कि मैं अपने देश को विश्व स्तरीय महिला क्रिकेटर दूं। मैंने मोगा की बेटी के टेलेंट को देखा, उसे शुरुआती तौर पर तराशा। आज वो हीरे की तरह दुनिया में चमक रही है।​​​​​​

मोगा के गुरुनानक स्टेडियम में लोग डांस करते हुए।

पहले पढ़िए लोगों ने क्या कहा….

हरमन में कपिल देव नजर आ रहा था मोगा के मट्टा ने कहा कि जो काम हम 2017 में नहीं कर पाए थे, वो काम आज हरमनप्रीत ने पूरा कर दिया। मोगा की बेटी ने कमाल कर लिया। बेशक हरमनप्रीत ने 20 रन बनाए लेकिन कप्तानी बहुत अच्छी की। हमारी हरमनप्रीत आज लेडी कपिल देव बन गई। हमें उसने कपिल देव नजर आ रहे थे। 1983 में कपिल देव ने भी इसी तरह से मैच को पलट दिया था।

शेफाली को बॉल थमाना टर्निंग पॉइंट मट्टा ने कहा कि हरमन की कप्तानी की समझ इसी से पता चलती है कि उसने ऐन वक्त पर शैफाली को बॉल दी और यही मैच का टर्निंग पॉइंट रहा। यही एक अच्छे कप्तान की क्वालिटी होती है। हमें अपनी बेटी पर गर्व है।

मोगा के रहने वाले मट्टा ने कहा कि कपिल-धोनी के बाद हरमन ने कमाल किया

जिस ग्राउंड से हरमन खेली, उसी में भंगड़ा किया मोगा के सोनू ने कहा कि मैच बहुत अच्छा रहा। सारी टीम का वर्क है। हमारी बेटी ने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस किया। हमारी बेटी ने जिस ग्राउंड से खेलना शुरू किया, आज हमने उसी ग्राउंड में भंगड़ा डाला है। ये वही ग्राउंड है जहां से हरमनप्रीत ने पहली बार खेलना शुरू किया। मोगा की बेटी का ये कमाल उन मां-बाप के मुंह पर थप्पड़ है, जो बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं।

हरमनप्रीत कौर और उनके माता-पिता ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचवाते हुए।

पूरा देश इस मैच को याद रखेगा हरमनप्रीत कौर के पिता के दोस्त गोवर्धन ने कहा कि इस वर्ल्ड कप को पूरा देश याद रखेगा। कपिल देव के बाद महेंद्र सिंह धोनी और अब हरमन ने ये कमाल दिखाया है। हम पहले दो मैच में कमाल नहीं कर पाए थे। लेकिन इस बार कमी पूरी कर दी। मेरी मैच जीतने के बाद हरमन के पिता से बात हुई है। मैंने उनको बधाई दी। वह बहुत खुश थे।

हरमनप्रीत की क्रिकेटर बनने की कहानी…

  • मोगा में जन्म, पिता वॉलीबॉल-बास्केटबॉल प्लेयर: हरमनप्रीत कौर का जन्म 8 मार्च 1989 को पंजाब में मोगा जिले के गांव दुन्नेके में हुआ। उनके पिता हरमिंदर सिंह भुल्लर वॉलीबॉल और बास्केटबॉल खिलाड़ी रहे हैं। मां सतविंदर कौर के गृहिणी हैं।
  • थ्रो फेंकने से कोच की नजर में आईं: मोगा के गुरुनानक स्टेडियम में लड़कों का मैच चल रहा था। इस दौरान हरमनप्रीत कौर पिता के साथ वहां से गुजर रही थीं। लड़कों के मैच के दौरान वहां पर कोच सौंधी मौजूद थे। इस दौरान लड़कों के लगाए शॉर्ट के दौरान बॉल बाहर गिरी, जिसे भागकर हरमनप्रीत ने थ्रो किया। उनकी थ्रो को कोच सौंधी ने पसंद किया।
  • कोच ने गांव में क्रिकेट की बारीकियां बताईं: कोच ने पिता हरमिंदर सिंह भुल्लर को बेटी को क्रिकेट में लाने के लिए कहा। इसके बाद कोच सौंधी दुन्नेके गांव में ही उन्हें सिखाने लगे।

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