कुरुक्षेत्र में रानी रामपाल और सीएम पंकज की रिंग सेरेमनी की फोटो।
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और पद्मश्री रानी रामपाल आज (रविवार से) जीवन के नए पड़ाव पर कदम रखने जा रही हैं। शाहाबाद के मॉडल टाउन की रहने वाली रानी आज कुरुक्षेत्र के पीपली स्थित पाल प्लाजा पैलेस में सीए पंकज के साथ सात फेरों के बंधन में बंधे
.
रानी के घर में पिछले कई दिनों से शादी की रस्में निभाई जा रही हैं। पिछले हफ्ते रानी और पंकज की रिंग सेरेमनी हुई, जिसमें सिर्फ परिवार और करीबी लोग शामिल थे। रानी ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर कीं, जिसमें दोनों बेहद खुश नजर आ रहे हैं।
रानी रामपाल की हल्दी सेरेमनी की तस्वीर।
दो महीने पहले गुपचुप इंगेजमेंट
लगभग दो महीने पहले कुरुक्षेत्र में दोनों की इंगेजमेंट हुई थी। यह समारोह पूरी तरह गोपनीय था, जिसमें सिर्फ दोनों परिवार और कोच बलदेव सिंह शामिल हुए। एक फोटो में रानी, पंकज और कोच की मुस्कराते हुए की फोटो वायरल हुई थी।
सीएम से पीएम तक को न्योता
रानी ने खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को उनके घर जाकर शादी का कार्ड दिया। कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल बेदी भी साथ थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, खेल राज्यमंत्री रक्षा निखिल खड़से समेत कई दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है। कई मेहमान आज कुरुक्षेत्र पहुंच रहे हैं।
सहेलियों के साथ रानी रामपाल मेहंदी कार्यक्रम में।
पिता की बीमारी के बीच खुशी का माहौल
परिवार के लिए यह दिन खुशी का है, लेकिन रानी के पिता रामपाल कैंसर से जूझ रहे हैं। इस वजह से माहौल में भावुकता भी है। आज होने वाली इस शादी को लेकर खेल जगत और फैंस में उत्साह है। रानी, जिन्होंने 2010 में सबसे कम उम्र में विश्व कप खेला और भारतीय हॉकी को नई पहचान दी, अब नई जिंदगी की शुरुआत करने जा रही हैं।
रानी रामपाल की शादी से पहले हल्दी के प्रोग्राम की तस्वीर।
जानिए, तांगा चालक की बिटिया की सफलता का सफर…
पिता की मेहनत से हॉकी की शुरुआत रानी रामपाल के संघर्ष की कहानी उनके पिता रामपाल की मेहनत के साथ शुरू हुई थी। रानी के पिता रामपाल तांगा चलाया करते थे और अक्सर महिला हॉकी खिलाड़ियों को आते-जाते देखते थे। बस यहीं से पिता के दिल में बेटी को खिलाड़ी बनाने की चाह जाग उठी। उन्होंने अपनी 6 वर्षीय बेटी को हॉकी मैदान में कोच बलदेव सिंह के पास छोड़ दिया। बस यहां से उनके हॉकी करियर की शुरुआत हुई।
तांगा चलाते थे रानी के पिता रामपाल। फाइल फोटो।
14 की उम्र की में इंटरनेशनल डेब्यू
रानी रामपाल 14 साल की उम्र में इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू करने वालीं सबसे छोटी उम्र की खिलाड़ी हैं। जब वह 15 साल की थीं, 2010 में वह विश्व महिला कप की सबसे छोटी खिलाड़ी थीं। उन्होंने क्वाड्रिलियन टूर्नामेंट में 7 गोल दागकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक गोल दागा था, जिसकी बदौलत भारत ने हॉकी जूनियर विश्व कप में कांस्य पदक जीता था।
रानी रामपाल
टोक्यो में चौथे स्थान पर रही टीम
रानी रामपाल की अगुआई में भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो 2020 ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रही थी। ओलिंपिक में टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। रानी रामपाल को अर्जुन व भीम अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। फिलहाल रानी रामपाल गर्वमेंट हॉकी नर्सरी पटियाला में खिलाड़ियों को कोचिंग देती हैं।
नहीं हो पाई फिर टीम में वापसी
टोक्यो ओलिंपिक के बाद से रानी टीम से बाहर चल रही हैं। टोक्यो ओलिंपिक के बाद तत्कालीन कोच श्योर्ड मरीन्ये अपने पद से हट गए थे और उनकी जगह यानेक शॉप मैन ने जिम्मेदारी संभाली थी। ऐसा माना जाता है कि यानेक और रानी के बीच रिश्तों सही नहीं थे। उस दौरान रानी रामपाल चोट से भी जूझ रही थीं। इसी वजह से साल 2022 में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में 6 मुकाबलों में 18 गोल करने के बावजूद उनकी टीम इंडिया में वापसी नहीं हुई।
