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A 6th-grade student jumped from the fourth floor of her school. | 6वीं क्लास की छात्रा स्कूल की चौथी मंजिल से कूदी: मौके पर ही मौत, स्कूल प्रशासन ने पुलिस के आने से पहले घटनास्थल की सफाई की

12 मिनट पहले

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शनिवार दोपहर को जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल में 6वीं क्लास में पढ़ने वाली एक छात्रा ने स्कूल के चौथे फ्लोर से छलांग लगा दी। मौके पर ही छात्रा की मौत हो गई। इसके बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता और स्कूल के आसपास रहने वाले लोग गुस्से में है। लगातार स्कूल प्रशासन पर स्कूल की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

घटना नीरजा मोदी स्कूल की बताई जा रही है।

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

पुलिस ने बताया कि छात्रा की पहचान अमायरा के नाम से की गई है। स्कूल में लगे CCTV में साफ दिख रहा है कि छात्रा स्कूल की रेलिंग पर चढ़ी और करीब 47 फीट की ऊंचाई से कूद गई। आसपास के दूसरे बच्चे नॉर्मल तरीके से चलते हुए नजर आ रहे हैं। क्या होने वाले है वो इससे बिल्कुल अंजान दिख रहे हैं।

जब तक टीचर्स या दूसरे स्टूडेंट्स मदद के लिए पहुंच पाते छात्रा कूद चुकी थी, जिसके चलते उसे काफी गहरी चोट भी आई है। उसे तुरंत पास के मेट्रो हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उसे ‘डेड ऑन अराइवल’ घोषित कर दिया। मानसरोवर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाऊस ऑफिसर लखन खटाना ने कहा, ‘शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि यह एक आत्महत्या थी। हालांकि इस कदम के पीछे क्या वजह थी इसकी जांच अभी की जा रही है।’

पुलिस के पहुंचने से पहले साफ किया घटनास्थल

पुलिस जब नीरजा मोदी स्कूल पहुंची तो जहां छात्रा गिरी थी उस जगह को पहले ही स्कूल प्रशासन साफ कर चुका था। इसकी वजह से पेरेंट्स का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने स्कूल पर आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहा है।

इसके बाद अमायरा के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ FIR दर्ज कराई। उनका कहना है कि अमायरा की मौत आम नहीं है, इसकी जांच की जानी चाहिए। साथ ही यह भी सवाल खड़े किए कि जब बच्ची कूदी तो स्कूल की टीचर्स और बाकी स्टाफ कहां था। अमायरा अपने माता-पिता के इकलौती संतान थी। उसकी मां बैंक में काम करती हैं, वहीं पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं।

वहीं, नीरजा मोदी स्कूल की ओर से अब तक कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी राम निवास शर्मा ने कहा कि स्कूल प्रशासन कोऑपरेट नहीं कर रहा है। शर्मा ने कहा, ‘हमने कई बार फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन स्कूल प्रशासन बात करने के लिए तैयार नहीं है। हमने प्रिंसिपल का नंबर भी मांगा लेकिन नहीं दिया गया। हमारे सभी सवालों को पूरी तरह इग्नोर किया गया।’

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