Piyush Pandey, the ‘Ad Guru’ of the Indian advertising industry, passes away | इंडियन एडवर्टाइजमेंट इंडस्ट्री के ‘ऐड गुरु’ पीयूष पांडे का निधन: DU से पढ़े; ‘दो बूंद जिंदगी की’, ‘अबकी बार मोदी सरकार’ जैसे स्लोगन दिए

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6 मिनट पहलेलेखक: विनीत शुक्ला

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भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और पद्मश्री से सम्मानित पीयूष पांडे का गुरुवार 23 अक्टूबर को निधन हो गया। उन्होंने 70 साल की उम्र में मुंबई में अंतिम सांस ली। उनकी बहन तृप्ति पांडे ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।

एडवर्टाइजमेंट इंडस्ट्री का ‘ऐड गुरु’ माने जाते थे

पीयूष को इंडियन एडवर्टाइजमेंट इंडस्ट्री का ‘ऐड गुरु’ माना जाता था। पीयूष ने साल 1994 में ‘पल्स पोलियो अभियान- दो बूंद जिंदगी की’ का नारा दिया था। साथ ही 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैंपेन का नारा ‘अबकी बार मोदी सरकार’ लिखा था।

पीयूष पांडे के पिता एक बैंक में काम करते थे। पीयूष के नौ भाई-बहन थे, जिनमें 7 बहनें और दो भाई शामिल थे। उनके भाई-बहनों में फिल्म डायरेक्टर प्रसून पांडे और सिंगर-एक्ट्रेस इला अरुण शामिल हैं। उनके पिता राजस्थान स्टेट कोऑपरेटिव बैंक में कार्यरत थे।

विज्ञापन जगत में आने से पहले, उन्होंने कई अलग-अलग सेक्टर्स में काम किया। इनमें क्रिकेट, चाय चखना (Tea Tasting) और कंस्ट्रक्शन शामिल हैं। पीयूष पांडे अच्छे क्रिकेटर थे और कई सालों तक क्रिकेट भी खेला था।

वो मशहूर क्रिकेटर कीर्ति आजाद और अरुण लाल के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी के लिए खेलते थे। उन्होंने रणजी टूर्नामेंट में भी खेला था।

पीयूष (दाएं से दूसरे) ने रणजी ट्रॉफी में राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी किया था।

पीयूष (दाएं से दूसरे) ने रणजी ट्रॉफी में राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी किया था।

एडवर्टाइजिंग कंपनी ओगिल्वी इंडिया से करियर शुरू किया

पीयूष ने 1982 में ओगिल्वी एंड माथर इंडिया (Ogilvy & Mather India) में एक ट्रेनी अकाउंट एग्जीक्यूटिव के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। उस समय उनकी उम्र 27 साल थी। 6 साल बाद, वो कंपनी के क्रिएटिव डिपार्टमेंट में चले गए।

अपनी क्रिएटिविटी के दम पर वो जल्द ही ओगिल्वी इंडिया के क्रिएटिव डायरेक्टर, फिर नेशनल क्रिएटिव डायरेक्टर और अंततः ओगिल्वी इंडिया के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने। 2023 में उन्होंने एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद से हटकर सलाहकार की भूमिका संभाली।

पीयूष ने सितंबर 1986 में सनलाइट डिटर्जेंट के लिए पहला प्रिंट विज्ञापन लिखा था।

पीयूष ने सितंबर 1986 में सनलाइट डिटर्जेंट के लिए पहला प्रिंट विज्ञापन लिखा था।

1987 में इन्हें शुरुआती क्रिएटिव सक्सेस लूना मोपेड के लिए विज्ञापन से मिली। इसका जिंगल था- ‘चल मेरी लूना’। हालांकि उन्हें राष्ट्रीय पहचान साल 1988 में मिली। जब उन्होंने लोकसंचार परिषद के लिए गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ लिखा।

पीयूष के 5 यादगार जिंगल

  1. फेविकोल (Fevicol)- फेविकोल का मजबूत जोड़ है, टूटेगा नहीं’
  2. कैडबरी -‘कुछ खास है, जिंदगी में’
  3. एशियन पेंट्स – ‘हर घर, कुछ कहता है’
  4. हच (वोडाफोन) – ‘व्हेयरवर यू गो, हच इज विद यू’
  5. पल्स पोलियो अभियान – ‘दो बूंद जिंदगी की’

पॉलिटिकल स्लोगन- ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ गढ़ा

पीयूष ने साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैंपेन को डिजाइन करने में 50 दिन का समय लिया था। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में बताया था कि इस कैंपेन के पीछे रिसर्च की गई थी।

मोदी की इमेज और फेस को फोकस में रखा था।फिर जाकर उन्होंने ‘अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा गढ़ा। ये लाइन नॉर्मल बात करने की भाषा में लिखी गई थी, जिससे लोग आसानी से कनेक्ट कर सकें।

'अबकी बार मोदी सरकार' कैंपेन में पीयूष की टीम ने 50 दिन में 200 से ज्यादा टीवी कॉमर्शियल, 100 से ज्यादा रेडियो ऐड और हर रात 100 से ज्यादा प्रिंट ऐड निकाले।

‘अबकी बार मोदी सरकार’ कैंपेन में पीयूष की टीम ने 50 दिन में 200 से ज्यादा टीवी कॉमर्शियल, 100 से ज्यादा रेडियो ऐड और हर रात 100 से ज्यादा प्रिंट ऐड निकाले।

2 किताबें भी लिखीं

पीयूष पांडे 40 साल से ज्यादा समय तक विज्ञापन बनाने वाली कंपनी ओगिल्वी इंडिया से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने ‘पांडेमोनियम: पीयूष पांडे ऑन एडवर्टाइजिंग (Pandeymonium: Piyush Pandey On Advertising) और ‘द मेकिंग ऑफ ए ब्रांड: एशियन पेंट (The Making of a Brand: Asian Paints)’ जैसी किताबें लिखी।

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