1200 runners will run on the land of martyrdom in Jaisalmer. | राजस्थान में होगी देश की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन: दिसंबर में जैसलमेर बॉर्डर पर दौड़ेंगे एथलीट, 160KM दौड़ने के लिए मिलेंगे 28 घंटे – Jaisalmer News

आयोजकों का दावा है कि इस अल्ट्रा मैराथन के लिए के लिए युवाओं के साथ हर उम्र के लोगों में क्रेज होता है। (फाइल फोटो)

देश की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन ‘द बॉर्डर रन’ जैसलमेर में होगी। इसमें देशभर से 1200 से अधिक एथलीट हिस्सा लेंगे। मैराथन 6-7 दिसंबर 2025 को लोंगेवाला बॉर्डर पर होगी। इसी पोस्ट पर साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को शिकस्त मिली थी।

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इस वॉर में शहीद भारतीय सैनिकों की याद में मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। ये 3 कैटेगरी में होगी, जिसमें हर किलोमीटर में न सिर्फ धूल और धूप से लड़ना होता है, बल्कि थकान को भी चुनौती देकर आगे बढ़ना होगा।

हर 10 किमी पर हाइड्रेशन पॉइंट्स, खाने-पीने का इंतजाम और मेडिकल सपोर्ट भी उपलब्ध रहेगा।

तस्वीर 2024 की है। तत्कालीन जैसलमेर एसपी सुधीर चौधरी ने मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

तस्वीर 2024 की है। तत्कालीन जैसलमेर एसपी सुधीर चौधरी ने मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

साल 2018 में हुई थी पहली मैराथन

‘द बॉर्डर रन’ का आयोजन करने वाली कंपनी The Hell Race के फाउंडर और रेस डायरेक्टर विश्वास सिंधु बताते हैं- इसकी शुरुआत साल 2018 में हुई थी।

आज यह रेस भारत की सबसे बड़ी और सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन बन चुकी है, जिसमें देशभर से 1200 से अधिक रनर्स हिस्सा लेते हैं। इस मैराथन में एथलीट 160 किमी. तक दौड़ेंगे।

जैसलमेर के इंडोर स्टेडियम से होगी शुरुआत

रेस का फ्लैग-ऑफ 6 दिसंबर दोपहर 12 बजे जैसलमेर के इंडोर स्टेडियम से होगा। समापन अगले दिन 7 दिसंबर को शाम 4 बजे होगा। रेस में रनर्स की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है।

एथलीट की सुविधा के लिए 12 गाड़ियां भी उपलब्ध रहेगी। टॉयलेट और चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं। विश्वास ने बताया- रनर को सिर्फ दौड़ पर ध्यान देना है।

रनर्स के लिए मॉडर्न मेडिकल उपकरणों वाली एंबुलेंस और टेक्निकल स्टाफ भी मौजूद रहेगा।

रनर्स के लिए मॉडर्न मेडिकल उपकरणों वाली एंबुलेंस और टेक्निकल स्टाफ भी मौजूद रहेगा।

160km दौड़कर जम्मू के रनर संवित ने बनाया था रिकॉर्ड

साल 2024 में जम्मू के रनर संवित शर्मा ने 160 KM की रेस को 16 घंटे 10 मिनट में पूरा करके नया रिकॉर्ड बना दिया था। उन्होंने भारत में रोड रनिंग का 161 किमी का नेशनल रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।

संवित ने बताया- मैंने जब पहली बार बॉर्डर रन के बारे में सुना, तो समझ नहीं आया कि इस रेस का मतलब क्या है। लेकिन जब लोंगेवाला की धरती पर दौड़ा, तो दिल से महसूस किया कि मैं सिर्फ एक रेस नहीं, बल्कि एक मिशन पर हूं।

अल्ट्रा मैराथन में शामिल होने के लिए देशभर से 1200 रनर्स आएंगे। (फाइल फोटो)

अल्ट्रा मैराथन में शामिल होने के लिए देशभर से 1200 रनर्स आएंगे। (फाइल फोटो)

आयोजक बोले- यह एक इवेंट नहीं, शहीदों को श्रद्धांजलि हैं

रेस डायरेक्टर विश्वास का कहना हैं- ‘द बॉर्डर रन’ एक स्पोर्ट्स इवेंट से कहीं ज्यादा है। एक देशभक्ति का आयोजन है। इस इवेंट के लिए रजिस्ट्रेशन 1 जुलाई से शुरू किए गए थे, लेकिन चंद घंटों में ही 1200 स्लॉट भर गए। लोग सिर्फ रेस नहीं, देश से जुड़ाव महसूस करना चाहते हैं।

तस्वीर पिछले साल की है। मैराथन तीन कैटेगरी में होगी, जिसमें तपते रेगिस्तान पर रनर्स दौड़ेंगे।

तस्वीर पिछले साल की है। मैराथन तीन कैटेगरी में होगी, जिसमें तपते रेगिस्तान पर रनर्स दौड़ेंगे।

गुरुग्राम से गोवा तक साल में 8 रनिंग इवेंट

आयोजकों ने बताया कि उनकी कंपनी सालभर में 8 बड़े रनिंग इवेंट्स आयोजित करती है। इनमें गुरुग्राम, कच्छ, दार्जिलिंग, बिड़बिलिंग, मनाली-लेह हाईवे, गोवा, सोलांग वैली और जैसलमेर बॉर्डर खास हैं।

इन सभी इवेंट्स का उद्देश्य केवल फिटनेस नहीं, बल्कि रनिंग कम्युनिटी को एक मंच देना है, जहां लोग प्रकृति, खुद से और देश से जुड़ सकें।

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